शब्दालंकार की परिभाषा, प्रकार और उदाहरण | Shabdalankar kise kahte hain
इस आर्टिकल में हम अलंकार के पहले भाग यानी शब्दालंकार के बारे में विस्तार से समझेंगे। जेसा की आप जानते हैं कि अलंकार के चार भेद होते हैं। और उन्हीं भागों में से एक शब्दालंकार भी हैं। हमने अलंकार के बारे में विस्तार से आर्टिकल लिखा हैं यदि आपने उसे नहीं पढ़ा तो, आप उसे जरूर पढ़े ताकि आपको अलंकार अचछे से समझ आ जाये। और इस आर्टिकल में हम Shabdalankar kise kahte hain को अच्छे से समझेंगे।
शब्दालंकार किसे कहते हैं?
शब्दालंकार = शब्द + अलंकार दो शब्दों से मिलकर बना होता हैं। जब कोई अलंकार किसी खास शब्द की स्थिति में रहे और यदि उस शब्द के स्थान पर कोई दूसरा पर्यायवाची शब्द के रख देने पर उस शब्द का अस्तित्व ही न रहे तो उसे शब्दालंकार कहते हैं।
अर्थात जिस अलंकार में शब्दों का प्रयोग करने से चमत्कार हो जाता हैं और उन शब्दों के स्थान पर पर्यायवाची शब्द को रखने से वह चमत्कार खत्म हो जाता हैं वह शब्दालंकार कहलाता हैं।
शब्दालंकार के प्रकार/भेद (Shabdalankar Ke Prakar)
- अनुप्रास अलंकार
- यमक अलंकार
- पुनरूक्ति अलंकार
- विप्सा अलंकार
- वक्रोक्ति अलंकार
- श्लेष अलंकार
अनुप्रास अलंकार
अनुप्रास शब्द दो शब्दों से मिलकर बना हैं – अनु + प्रास। यहॉं पर अनु का अर्थ हैं – बार-बार और प्रास का अर्थ होता हैं- वर्ण।
जब किसी वर्ण की बार-बार आवृत्ति हो तब जो चमत्कार होता हैं उसे अनुप्रास अलंकार कहते हैं।
जैसे:-
“मैया मोरी मैं नही माखन खायो”
(यहॉं पर ‘म’ वर्ण की आवृत्ति बार बार हो रही है।)
“चारू चंद्र की चंचल किरणें”
(यहॉं पर ‘च’ वर्ण की आवृत्ति बार बार हो रही है।)
अनुप्रास अलंकार के उपभेद
अनुप्रास अलंकार के उपभेद निम्न प्रकार हैं:-
- छेकानुप्रास
- वृतानुप्रास
- लाटानुप्रास
- अत्नयानुप्रास
- श्रुत्यानुप्रास
छेकानुप्रास अलंकार – जिस जगह पर स्वरूप और क्रम से अनेक व्यंजनों की आवृत्ति एक बार हो वहां पर छेकानुप्रास अलंकार का प्रयोग होता हैं।
जैसे:- रीझि रीझि रस्सी रस्सी हंसी हंसी उठे
वृतानुप्रास अलंकार – जब व्यंजन की आवृत्ति बार-बार हो वहां पर वृतानुप्रास अलंकार कहलाता हैं।
जैसें:- चामर सी, चंदन सी, चांद सी, चांदनी चमेली चारूचंद्र सुघर हैं।
लाटानुप्रास अलंकार – जिस जगह पर शब्द और वाक्य की आवृत्ति हो और प्रत्येक जगह पर अर्थ भी वहीं पर अनवय करने पर भीनता आ जाए तो उस जगह लाटानुप्रास अलंकार कहलाता हैं।
जैसें:- तेग बहादुर, हां, वे ही थे गुरू पदवी के पात्र समर्थ,
अनंतयानुप्रास अलंकार – जिस जगह अंत में तुक मिलती हो वहां पर अनंतयानुप्रास अलंकार होता हैं।
जैसें:- लगा दी किसने आकर आग। कहां था तू संशय के नाग?
श्रुत्यानुप्रास अलंकार – जिस जगह पर कानों को मधुर लगने वाले वनों का आवृत्ति हो उस जगह श्रुत्यानुप्रास अलंकार आता हैं।
जैसें:- कनक कनक ते सौगुनी, मादकता अधिकाय।
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यमक अलंकार
यमक शब्द का मतलब दा होता हैं। अर्थात जब एक ही शब्द का ज्यादा बार प्रयोग होने पर प्रत्येक बार अर्थ भिन्न-भिन्न आता हैं तब उसे यमक अलंकार कहते हैं।
जैसें:-
कनक कनक ते सौगुनी, मादकता अधिकाय।
वा खाये बौराए नर, वा पाये बौराये।।
पुनरूक्ति प्रकाश अलंकार
पुनरूक्ति अलंकार दो शब्दों पुन: + उक्ति से मिलकर बना हैं। अर्थात जब कोई शब्द दो बार दोहराया जाता हैं, तब उसे पुनरूक्ति अलंकार कहते हैं।
विप्सा अलंकार
जब आदर, हर्ष, शोक, दुखी आदि जैसे विस्मयादिबोधक भावों को व्यस्त करने के लिए जब शब्दों की पुनरावृत्ति हो तो उसे ही विप्सा अलंकार कहते हैं।
जैसें:-
मोहि-मोहि मोहन को मन भयो राधामय।
राधा मन मोहि-मोहि मोहन मयी-मयी।।
वक्रोक्ति अलंकार
जहॉं पर वक्ता (बोलने वाले) के द्धारा बोले गए शब्दों का श्रोता अलग अर्थ निकाले तो उसे वक्रोक्ति अलंकार कहते हैं।
वक्रोक्ति अलंकार के प्रकार
- काकु वक्रोत्ति अलंकार
- श्लेष वक्रोक्ति अलंकार
काकु वक्रोक्ति अलंकार – जब वक्ता के द्धारा बोले गये शब्दों का उसकी कंठ ध्वनि के कारण श्रोता कुछ और अर्थ निकाले वहॉं पर काकु वक्रोक्ति अलंकार होता हैं।
उदाहरण:- मैं सुकुमारि नाथ बन जोगू।
श्लेष वक्रोक्ति अलंकार – जहॉं पर श्लेष की वजह से वक्ता के द्धारा बोले गए शब्दों का अलग अर्थ निकाला जाये वहां श्लेष वक्रोक्ति अलंकार होता हैं।
उदाहरण:-
को तुम हो इत आये कहां घनस्याम हौ तो कितहूँ बरसो।
चितचोर कहावत हैं हम तौ तहां जाहुं जहॉं धन सरसों।।
श्लेष अलंकार
जहॉं पर कोई एक शब्द एक ही बार आये लेकिन उसके अर्थ अलग-अलग निकलें वहॉं पर श्लेष अलंकार होता हैं।
उदाहरण:-
रहिमन पानी राखिए बिन पानी सब सून।
पानी गए न उबरै मोती मानस चून।।
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निष्कर्ष
तो आप सभी को “शब्दालंकार की परिभाषा, प्रकार और उदाहरण ”के बारे में सारी जानकारी प्राप्त हो गई होगी। हमें पूरी उम्मीद हैं कि आपको यह जानकारी बहुत पसंद आयी होगी। अगर आपके कोई प्रश्न हो तो नीचे कमेंट करके जरूर पूछे और पोस्ट को अपने सोशल मीडिया और दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें।